बसंत के फूल,स्याही अर्पित कर मांगा विद्या का वरदान: बसंती पंचमी पर विद्यार्थियों ने किया सरस्वती पूजन

उज्जैन। इस बार गणतंत्र दिवस के साथ ही बसंत पंचमी पर्व के संयोग से विद्यार्थियों ने देवी सरस्वती की आराधना कर विद्या का वरदान मांगा। शहर के प्राचीन सरस्वती माता के मंदिर में सुबह से ही बच्चों की भीड़ बसंत के पीले फूल और स्याही अर्पित कर अच्छी बुद्धि की कामना की गई। श्री कृष्ण की शिक्षा स्थली सांदिपनि आश्रम में भी बच्चों को साथ लेकर पूजन कर विद्यारंभ संस्कार किया गया।

शहर के पुराने क्षेत्र पानदरीबा में एक स्थान पर बसंत पंचमी पर सरस्वती माता के मंदिर में छात्र और उनके परिजन पीले बसंत के फूल और स्याही चढ़ाकर माता सरस्वती को खुश करते है। माता की पूजा कर परीक्षा में अच्छे अंकों से सफल होने के आशीर्वाद की कामना करते है। मान्यता है कि माता प्रसन्न होकर विद्या और बुद्धि प्रदान करती है। इसीलिए वर्षो से इस मंदिर में बच्चों की भीड़ लगती है। गुरूवार को सायं 6:58 पर नक्षत्र परिवर्तन होने से सर्वार्थ सिद्धि योग बनेगा, वहीं रवि योग भी रहेगा।

मंदिर व घरों में हुआ माता सरस्वती का पूजन

बसंत पंचमी पर श्री कृष्ण की शिक्षा स्थली सांदिपनि आश्रम में भी छोटे बच्चों के साथ पूजन कर बच्चों को विद्या संस्कार का उपक्रम करते है। वहीं घरों में भी बच्चों के साथ ज्ञान की देवी की आराधना की गई। विद्यार्थियों को विद्या एवं बुद्धि को प्रबल बनाने तथा संस्कार की प्राप्ति के लिए माता सरस्वती का पूजन किया जाता है। यह करने से विद्या बुद्धि की प्राप्ति होती है और वाणी पर शिक्षित संस्कार के रूप में माता सरस्वती की कृपा प्राप्त होती है।

अबूझ मुहूर्त में विवाह समारोह की धूम

बसंत पंचमी को अबूझ मुहूर्त की संज्ञा दी जाती है। इस मुहूर्त में विवाह, गृह प्रवेश, यज्ञोपवित संस्कार, चोलकर्म संस्कार, ग्रह शांति, देव प्रतिष्ठा, धार्मिक यात्रा, भागवत पारायण, नवीन प्रतिष्ठानों का शुभारंभ, नवीन कार्यों का शुभारंभ आदि सभी कार्य किए जा सकते है। शहर में कई स्थानों पर सामूहिक विवाह समारोह के आयोजन भी हुए। विवाह समारोह की धूम होने से शहर के प्रमुख मार्गो पर जाम की स्थिति बनी रही।

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