गोबर का ये उपयोग बना सकता है अमीर
ग्रामीण परिवेश में केंचुआ पालन आम बात है, इसकी सहायता से खाद बनाकर किसान अच्छा मुनाफा भी कमा रहे हैं.
केंचुआ खाद बनाने के लिए थोड़ी सावधानी बरतनी होगी.
केंचुआ पालन के लिए ऐसा उपयुक्त स्थान चुनें जहां अंधेरा हो और तापमान की दृष्टि से यह थोड़ा गर्म रहे.
रसायनिक खाद के इस्तेमाल से मिट्टी की उर्वकता तो कम हो ही रही है.
वहीं, इसकी मदद से उगाए जाने वाले आनाजों का सेवन करने से खतरनाक बीमारियों के होने की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं.
ऐसे में ज्यादातर किसान अब जैविक खेती की तरफ शिफ्ट हो रहे हैं.
इस तरह की खेती में इस्तेमाल होने वाले खाद को हम घर पर ही तैयार कर सकते हैं. इसे बेचकर हम बढ़िया मुनाफा भी कमा सकते हैं.
कैसे तैयार करें
केंचुआ खाद बनाने के लिए थोड़ी सावधानी बरतनी होगी.
केंचुआ पालन के लिए ऐसा उपयुक्त स्थान चुनें जहां अंधेरा हो और तापमान की दृष्टि से यह थोड़ा गर्म रहे.
इसे गीली और नरम जगह में रखना चाहिए. ध्यान रखें कि जहां केंचुओं का उत्पादन किया जा रहा है उस स्थान पर सूर्य की किरणें सीधी नहीं पड़ें.
केंचुआ खाद का उत्पादन करने के लिए 6 X 3 X 3 फीट के गड्ढे बनाएं, पहले दो से तीन इंच आकार के ईंट या पत्थर के छोटे-छोटे टुकड़ों की तीन इंच मोटी परत बिछाएं.
अब इस पत्थर के परत के ऊपर तीन इंच मोटी बालू की परत बिछाएं.
इस बालू मिट्टी की परत के ऊपर अच्छी दोमट मिट्टी की कम से कम 6 इंच की मोटी परत बिछाएं.
वर्मी कंपोस्ट कैसे बनेगा
मिट्टी की मोटी परत के ऊपर पानी छिड़ककर मिट्टी को 50 से 60 प्रतिशत नम करें इसके बाद 1000 केंचुआ प्रति वर्ग मीटर की दर से मिट्टी में छोड़ दें.
इसके बाद मिट्टी की मोटी परत के ऊपर गोबर या उपले थोड़ी-थोड़ी दूर 8 से 10 जगह पर डाल दें तथा फिर उसके ऊपर तीन से चार इंच की सूखे पत्ते, घास या पुआल की मोटी तह बिछा दें.
तीस दिन के बाद ढंकने वाले टाट के बोरों, ताड़ या नारियल के पत्तों को हटाकर इसमें वानस्पतिक कचरे को या सूखे वानस्पतिक पदार्थों के साथ 60:40 के अनुपात में हरा वानस्पतिक पदार्थ मिलाकर दो से तीन इंच मोटी परत फैलाई जाती है.
इसके ऊपर 8 से 10 गोबर के छोटे-छोटे ढेर रख दिये जाते हैं.
गड्ढा भर जाने के 45 दिन बाद केंचुआ खाद तैयार हो जाती है. इसे आप मार्केट में बेचकर तगड़ा मुनाफा कमा सकते हैं.