मध्यप्रदेश के इंदौर, धार सहित अन्य जिलों में भूकंप के झटके

तीव्रता 3.0

एमपी में रविवार दोपहर 12 बजे के बाद कई जिलों में भूकंप के झटके महसूस किए गए

मध्यप्रदेश के कई जिलों में रविवार दोपहर 12 बजे के बाद भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।

इसकी पुष्टि मौसम विभाग ने की है। मौसम विभाग के मुताबिक दोपहर करीब 12:54 बजे धार, बड़वानी, अलीराजपुर में भूकंप के झटके महसूस हुए।

जिसकी तीव्रता 3.0 दर्ज की गई है। इसका हाइपोसेंटर 10 किमी गहराई पर था।

प्रभावित जिलों में बड़वानी, अलीराजपुर, धार के अलावा आसपास के जिले इंदौर, झाबुआ और खरगोन भी शामिल हैं।

 

भूकंप से अभी तक कोई नुकसान नही

हालांकि भूकंप से किसी के भी हताहत और नुकसान की जानकारी नहीं है।

वहीं, कुछ लोगों ने बताया कि अचानक घरों के सामान हिलने लगे। घर में रखे बेड कंपन कर रहे थे।

फिर पता तला कि भूकंप आया है। हालांकि, यह कुछ ही देर में सबकुछ सामान्य हो गया।

भूकंप की वजह के किसी घर के क्षतिग्रस्त होने के नुकसान नहीं हैं। वहीं, भूकंप के झटकों के बाद लोग घरों से निकलकर खुले स्थान पर आ गए। कुछ देर तक अफरातफरी का माहौल रही।

फिर, सबकुछ शांत होने के बाद लोग अपने घरों की ओर रवाना हो गए।

 

अरुणाचल प्रदेश में भी आया भूकंप

वहीं, अरुणाचल प्रदेश के पश्चिमी भाग में रविवार दोपहर 3.8 तीव्रता का भूकंप आया।

राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने एक रिपोर्ट में बताया कि ताजा भूकंप दोपहर 12 बजकर 12 मिनट पर आया जो भूटान सीमा के निकट वेस्ट कामेंग में सतह से 10 किलोमीटर की गहराई पर केंद्रित था।

मध्य-उत्तरी असम व भूटान के पूर्वी हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए।

अधिकारियों ने बताया कि भूकंप से तत्काल किसी के हताहत होने या संपत्ति को नुकसान होने की जानकारी नहीं मिली है।

पूर्वोत्तर भारत उन क्षेत्रों में आता है, जहां भूकंप आने की काफी आशंका रहती है।

 

कैसे आता है भूकंप ?

भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं।

जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं।

सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं।

इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।

 

दुनिया में हर साल 20 हजार भूकंप आते हैं

हर साल दुनिया में कई भूकंप आते हैं, लेकिन इनकी तीव्रता कम होती है। नेशनल अर्थक्वेक इन्फॉर्मेशन सेंटर हर साल करीब 20 हजार भूकंप रिकॉर्ड करता है।

इसमें से 100 भूकंप ऐसे होते हैं जिनसे नुकसान ज्यादा होता है। यह कुछ सेकेंड तक रहता है।

अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा देर तक रहने वाला भूकंप 2004 में हिंद महासागर में आया था। यह भूकंप 10 मिनट तक रहा था।

Leave a Comment