प्राकृतिक आपदाओं से किसानों एवं पशु पालकों को काफी नुकसान होता है, जिसकी भरपाई सरकार द्वारा की जाती है।
इस कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में फसल क्षति एवं पशु-पक्षी हानि होने पर दिए जाने वाली राहत राशि में वृद्धि कर दी है।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया है।
मंत्रि-परिषद ने राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत दी जाने वाली राहत राशि में वृद्धि की है।
अब मिलेगा इतना मुआवजा
मंत्रि-परिषद की बैठक में बाढ़ की स्थिति में भूमि और अन्य नुकसान के लिए सहायता, पशु-पक्षी (मुर्गा/मुर्गी) हानि के लिये आर्थिक सहायता, नष्ट हुए मकानों के लिये आर्थिक अनुदान सहायता एवं बाढ़ एवं तूफान से प्रभावित मछुआरों को दी जाने वाली सहायता राशि में वृद्धि की है।
जो इस प्रकार है :-
आपदा से नुकसान के लिए सहायता
कृषि योग्य भूमि वाले खेतों में रेत या पत्थर (3 इंच से अधिक) आ जाने पर पहाड़ी क्षेत्रों में कृषि योग्य भूमि पर मलबा हटाने के लिये, फिश फार्म में डिसेल्टिंग या पुनस्थापन अथवा मरम्मत सफाई के लिये राहत 12 हजार 200 रुपए के स्थान पर 18 हजार रुपए प्रति हैक्टेयर दिया जायेगा।
इसी तरह भूस्खलन, हिमस्खलन, नदियों के रास्ता बदलने के कारण सीमांत या लघु कृषक के भूमि स्वामित्व की भूमि के नष्ट होने पर राहत 37 हजार 500 रुपए के स्थान पर 47 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर दिया जायेगा।
पशु-पक्षी (मुर्ग़ा/मुर्गी) हानि होने पर दी जाने वाली सहायता
दुधारू पशु गाय/भैंस/ऊँट आदि के लिए राहत राशि 30 हजार प्रति पशु के स्थान पर 37 हजार 500 रुपए एवं भेड बकरी/ सूअर के लिए राहत राशि 3 हजार रूपये के स्थान पर 4 हजार रुपए दिए जाएँगे।
गैर-दुधारू पशु ऊँट/घोडा/बैल/भैंसा आदि के लिए राहत राशि 25 हजार रूपये प्रति पशु के स्थान पर 32 हजार रुपए प्रति पशु किया जायेगा एवं बछडा (गाय, भैंस)/ गधा /पोनी/ खच्चर हेतु राहत 16 हजार रुपए प्रति पशु के स्थान पर 20 हजार रुपए दिए जाएँगे।
वहीं अस्थायी पशु शिविर में रखे गये बड़े पशुओं के लिए 70 रूपये पशु प्रति दिन के स्थान पर 80 रुपए एवं छोटे पशुओं के 35 रुपए प्रति पशु प्रति दिवस के स्थान पर 45 रुपए प्रति दिन दिए जाएँगे।
इसी तरह पक्षी (मुर्गी/ मुर्गा) हानि के लिये 60 रुपए (10 सप्ताह से अधिक आयु के) प्रति पक्षी के स्थान पर 100 रुपए प्रति पक्षी दिए जाएँगे।
मछुआरों को कितनी सहायता दी जाएगी
नाव की आंशिक क्षति होने पर मरम्मत के लिए 4 हजार 100 रूपये के स्थान पर 6 हजार रुपए दिए जाएँगे।
जाल या अन्य उपकरणों की मरम्मत के लिये 2 हजार 100 रुपए के स्थान पर 3 हजार रुपए दिया जायेगा।
नाव नष्ट होने पर 12 हजार रुपए के स्थान पर 15 हजार रुपए दिया जायेगा।
इसी तरह नैसर्गिक आपदा यथा सूखा, अतिवृष्टि, बाढ़, भूस्खलन, भूकम्प आदि से मछली पालने वालों को मछली बीज नष्ट होने पर प्रभावित को 8 हजार 200 रुपए के स्थान पर 10 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर दिया जाएगा।
मकानों को नुकसान होने पर कितना अनुदान दिया जाएगा
मंत्रि-परिषद ने पूर्ण नष्ट (मरम्मत योग्य नहीं) और गम्भीर रूप से क्षतिग्रस्त (जहां क्षति 50 प्रतिशत से अधिक हो) पक्के / कच्चे मकान के लिए वास्तविक क्षति के आंकलन के आधार पर राहत राशि अधिकतम 95 हजार 100 रुपए के स्थान पर मैदानी इलाकों में 1 लाख 20 हजार एवं पहाड़ी क्षेत्रों में 1 लाख 30 हजार रुपए दिए जाने का फैसला लिया है।
झुग्गी झोपड़ी (झुग्गी/झोपड़ी से तात्पर्य है कच्चे घर से निम्नतर फूस मिट्टी प्लास्टिक सीट आदि से निर्मित घर) पूर्ण नष्ट होने पर राहत राशि 6 हजार के स्थान पर 8 हजार रुपए की सहायता राशि दी जाएगी।
इसी तरह आंशिक क्षतिग्रस्त (जहां क्षति 15 प्रतिशत से 50 प्रतिशत हो) पक्के मकान के लिए राहत राशि 5 हजार 200 के स्थान पर 6 हजार 500 रुपए एवं कच्चे मकान के लिए 3 हजार 200 के स्थान पर 4 हजार रुपए दी जायेगी।
साथ ही मकान से संलग्न पशु घर के लिये राहत राशि 2 हजार 100 के स्थान पर 3 हजार रुपए प्रति पशु घर दी जायेगी।