किसान भाइयों को जल्द वॉट्सऐप पर तमाम सरकारी योजनाओं की खबर मिलेगी.
सरकार वॉट्सऐप पर ‘चैट जीपीटी’ जैसा चैटबॉट लाने जा रही है.
सरकार ला रही ChatGPT जैसा सिस्टम
ऐसा लग रहा है कि ये साल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का रहने वाला है क्योंकि एक के बाद एक कई टेक दिग्गज और नए स्टार्टअप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़ा कोई प्रोडक्ट या सर्विस अपने-अपने प्लेटफार्म पर लांच कर रहे हैं.
ओपन एआई के चैटबॉट ने बाजार में सनसनी मचाई हुई है और हर तरफ ये चर्चा का विषय बना हुआ है.
बच्चे हो, स्कूल में अध्यापक हो, बड़े-बड़े यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर हो या फिर सरकार, सभी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर बात कर रहे हैं और भविष्य के लिहाज से इसे अच्छा बता रहे हैं.
इस बीच किसान भाइयों के लिए एक अच्छी खबर है. दरअसल, सरकार जल्द वॉट्सऐप में चैट जीपीटी जैसा चैटबॉट लाने वाली है.
किसानों को इस तरह होगा फायदा
- इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक खबर के मुताबिक, आईटी मिनिस्ट्री चैट जीपीटी जैसे चैटबॉट को वॉट्सऐप पर लाने के लिए काम कर रही है.
- मिनिस्ट्री की एक छोटी टीम इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही है जिसे ‘भाषिणी’ नाम दिया गया है.
- इस चैटबॉट को वॉट्सऐप पर लाने के बाद किसान भाइयों को सरकार की तमाम योजनाओं की जानकारी एक क्लिक पर मिलेगी.
- साथ ही किसान भाई वॉइस नोट के माध्यम से भी अपनी परेशानी इस चैटबॉट से पूछ पाएंगे.
- अगर आपको ये नहीं पता कि चैट जीपीटी क्या है तो बता दें, ये एक मशीन लर्निंग बेस्ड एआई टूल है जिसमें पब्लिकली मौजूद सारा डेटा फीड किया गया है.
- ये आपके किसी भी सवाल का जवाब आपको गूगल से बेहतर और सरल तरीके से दे सकता है.
- फिलहाल अभी इस पर काम जारी है तो इसलिए ये चैटबॉट वॉट्सऐप पर कब तक लाइव होगा इसकी जानकारी अभी सामने नहीं है.
उदाहरण से समझिए – अगर आपको पीएम किसान से जुड़ी कोई बात जाननी है या केवाईसी के लिए क्या दस्तावेज चाहिए या किस्त कब तक रिलीज होगी ये जानना है तो ये चैटबॉट आपको ये सभी जानकारी फटाफट सरल शब्दों में बता देगा.
12 भाषाओ में मिलेगा सवाल का जवाब
वॉट्सऐप में आ रहे इस चैटबॉट की खास बात ये होगी कि ये लोकल और हिंदी लैंग्वेज में भी किसान भाइयों को सवालों के जवाब देगा.
सरकार इसमें तमाम भाषाओं का डेटा फीड करेगी.
- जानकारी के मुताबिक, इस चैटबॉट में 12 भाषाएं होंगी जिसमें
- इंग्लिश,
- हिंदी,
- तमिल,
- तेलुगू,
- मराठी,
- बंगाली,
- कनाडा,
- ओड़िआ,
- असमिया समेत अन्य लोकल भाषाएं होंगी.