कर्जदार किसानों को मध्य प्रदेश सरकार ने बजट में दिया तोहफ़ा

मध्य प्रदेश सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अपना बजट पेश कर दिया है। सरकार की तरफ़ से यह बजट वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने 1 मार्च के दिन पेश किया है।

सरकार की ओर से वित्त वर्ष 2023-2024 के लिए बजट 3 लाख 14 हजार 25 करोड़ रुपए का रखा गया है।

इसमें कृषि एवं सम्बंधित क्षेत्र के लिए सरकार ने 53 हजार 964 करोड़ रुपए का बजट रखा है, जो वित्त वर्ष 2022-23 के बजट अनुमान से 804 करोड़ रुपए अधिक है।

 

कृषि ऋण के लिए सरकार ने बजट में किए यह प्रावधान

चुनावी वर्ष होने के चलते सरकार ने इस वर्ष बजट में अपना ख़ज़ाना खोल दिया है।

बजट में महिला, यूथ और किसानों पर फोकस किया गया है।

वहीं किसान क़र्ज़ माफी का इंतजार कर रहे किसानों के लिए भी सरकार ने अपने बजट में बड़ा ऐलान किया है।

 

किसानों का ब्याज भरेगी सरकार

मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के ऐसे किसान जो सहकारी संस्था से लिए गए ऋणों की माफी के इंतजार में बकायादार हो गए हैं एवं खाद बीज की सुविधा से वंचित हो गए हैं,

उन किसानों की बकाया राशि पर लगे ब्याज की राशि सरकार ने भरने की घोषणा अपने बजट में की है।

 इसके साथ ही सहकारी संस्था में पूर्व से डिफाल्टर किसानों के ऋण पर ब्याज की राशि भी सरकार द्वारा वहन की जाएगी।

बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने बताया कि इस व्यवस्था से सहकारी संस्था के माध्यम से प्रदेश के सभी किसान कृषि कार्यों के लिए शून्य ब्याज दर पर ऋण लेकर कृषि उत्पादन से अपनी आय में वृद्धि कर सकेंगे।

इस उद्देश्य से वर्ष 2022-23 एवं 2022-24 में कुल 2500 करोड़ रुपए का प्रावधान बजट में किया गया है।

 

इन किसानों को मिलेगा लाभ

वर्ष 2018-19 में मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने राज्य में किसानों के 2 लाख रुपए तक के ऋण माफ करने की घोषणा कि थी,

जिसे तीन चरणों में पूरा किया जाना था परंतु इस बीच कांग्रेस सरकार गिर गई और किसानों की कर्ज माफी का कार्य अधूरा रह गया था।

इस दौरान राज्य के कई किसान कृषि ऋण माफी का इंतजार करते रहे है और ब्याज बढ़ने से डिफाल्टर हो गए।

अब सरकार ऐसे किसानों का ब्याज जमा करेगी, जिससे डिफाल्टर किसान एक बार फिर से सहकारी बैंक से बिना किसी ब्याज के ऋण ले सकेंगे।

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