जानें इसकी खूबियां
अगर आप भी पशुपालन के बिजनेस से अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो आपके लिए धारवाड़ी भैंस किसी वरदान से कम नहीं है. इसके दूध से बनी मिठाई को GI Tag भी दिया गया है…
ग्रामीण इलाकों के साथ-साथ अब शहरी इलाकों में डेयरी फार्मिंग का चलन तेजी से बढ़ रहा है.
लोग अब अधिक आय अर्जित करने के लिए नौकरी के साथ पशुपालन भी कर रहे हैं.
देखा जाए तो आज के समय में जितनी तेजी से दूध की मांग बढ़ रही है. ऐसे में डेयरी फार्मिंग का बिजनेस आपके लिए बहुत अच्छा है.
लेकिन अगर आप इस व्यवसाय में अच्छा और कई गुना लाभ कमाना चाहते हैं, तो आपको अच्छी नस्ल की भैंस, गाय के बारे में पता होना चाहिए. ताकि आप इनके दूध से बने उत्पादों को उच्च कीमत पर बेच सकें.
धारवाड़ी भैंस के दूध की मिठाई को मिला GI Tag
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो ने कई देसी नस्लों की मिठाई व व्यापार के लिए मान्यता दी है.
क्योंकि यह देसी नस्ल दूध उत्पादन में सर्वश्रेष्ठ मानी जाती हैं, जिसमें सबसे अधिक प्रसिद्ध प्रजाति की भैंस कर्नाटक की धारवाड़ी भैंस को माना जाता है
. बता दें कि इस भैंस के दूध की बनी ज्यादातर मिठाइयों को जीआई टैग प्राप्त है. इस भैंस की सबसे अधिक लोकप्रिय मिठाई धारवाड़ी पेड़ा है.
देश-विदेश में इस मिठाई को खाया जाता है. तो आइए इस धारवाड़ी भैंस के बारे में जानते हैं. ताकि आप भी इसे पालकर अच्छा मुनाफा कमा सके.
धारवाड़ी भैंस को मिला एक्सेशन नंबर
भारत की राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो की ओर से धारवाड़ी भैंस रजिस्टर है, इसे एक्सेशन यानी पंजीकृत नंबर INDIA_BUFFALO_0800_DHARWADI_01018 भी प्राप्त है.
बता दें कि धारवाड़ी भैंस का इतिहास काफी साल पुराना है. पुराने समय से ही पशुपालन इस भैंस के दूध का व्यापार करते आ रहे हैं.
पहले सिर्फ कर्नाटक के बगलकोट, बेलगाम, धारवाड़, गड़ग, बेल्लारी, बीदर, विजयपुरा, चित्रदुर्ग, कालाबुर्गी, हावेरी, कोपल, रायचुर और यादगिद जिले के पशुपालन भाई ही इसका पालन करते थे, लेकिन जैसे-जैसे समय बदल रहा है, उसी तरह से इसे अन्य राज्यों में भी पाला जा रहा है.
इस तरह से धारवाड़ी भैंस ने आज से समय में अपनी एक अलग पहचान बना ली है.
Native #livestock breed Registered
Buffalo: Dharwadi #breedregistration@PMOIndia @PRupala @nstomar @KailashBaytu @ShobhaBJP @AgriGoI @Dept_of_AHD @mygovindia @PIB_India pic.twitter.com/pTu2v9MPSu— Indian Council of Agricultural Research. (@icarindia) February 16, 2023
धारवाड़ी भैंस की खासियत
- यह मध्यम आकार की काले रंग की भैंस है, और मुख्य रूप से दूध के उद्देश्य के लिए पाली जाती है.
- इस भैंस का प्रतिदिन औसत दूध उत्पादन – 3.24 किग्रा है.
- इसके अलावा धारवाड़ी भैंस का औसत दूध की उपज – 972 किग्रा तक है.
- इसकी बछडियां भी 17-20 महीने में पलकर दूध देने के लिए तैयार हो जाती हैं.
- दूध का उपयोग जीआई टैग के साथ प्रसिद्ध धारवाड़ पेड़ा बनाने के लिए किया जाता है.
- यह भैंस कम वर्षा वाले क्षेत्रों के लिए अच्छी तरह से अनुकूल है.